चुनाव आयोग ने सोमवार रात केंद्र सरकार को विधानसभा चुनावों से पहले एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किए जाने की मंजूरी दे दी। आयोग ने कहा कि चुनाव वाले पांच राज्यों से जुड़ी किसी योजना का ऐलान नहीं किया जा सकता। वित्त मंत्री के भाषण में इन प्रदेशों में सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख नहीं होना चाहिए। आयोग ने सरकार को 2009 की एक एडवाइजरी की भी याद दिलाई जिसमें कहा गया था कि परंपरा के अनुसार चुनावों से पहले पूर्ण बजट के बजाय लेखानुदान पेश किया जाता है। चुनाव आयोग ने कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा से कहा, 'आयोग
निर्देश देता है कि निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनावों के लिए और सभी के लिए स्थिति समान बनाए रखते हुए किसी राज्य-केंद्रित योजना की घोषणा नहीं की जाएगी, जिसकी चुनाव वाले पांच राज्यों के मतदाताओं पर सत्तारूढ़ दलों के पक्ष में असर पड़ने की संभावना हो।